Sunday 12 December 2010

घोटाले की भेंट चढ़े नौकरशाह और उद्यमी

 दैनिक जागरण 

 गाजियाबाद नौकरशाहों और उद्यमियों की साठगांठ के एक मामले में सीबीआई की मेहनत मंगलवार को उस समय रंग लाई जब गाजियाबाद स्थित उसकी विशेष अदालत नेनोएडा भूमि घोटाले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव और फ्लैक्स इंडस्ट्रीज के मालिक अशोक चतुर्वेदी को 4-4 साल की सजा सुनाई। दोनों को डासना जेल भेज दिया गया। चतुर्वेदी को हथकड़ी लगाकर जेल ले जाया गया। जेल जाने की नौबत आते ही नीरा यादव रो पड़ीं। आश्चर्यजनक रूप से जेल में दोनों ने सीने में दर्द की शिकायत की, लेकिन चिकित्सकीय परीक्षण में उन्हें स्वस्थ पाया गया। यह घोटाला 1994 का है। उस समय नीरा नोएडा अथॉरिटी की सीईओ थीं। उन पर यह आरोप सिद्ध हुआ कि उन्होंने फ्लैक्स इंडस्ट्रीज को गलत तरीके से कम कीमत पर 28 हजार वर्ग मीटर जमीन आवंटित की। इसके चलते शासन को एक करोड़ से अधिक की क्षति हुई। सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत दोषी पाया। दोनों पर 50-50 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। सीबीआई कैलाश अस्पताल को भूमि देने के मामले में आरोप सिद्ध नहीं कर पाई इसलिए अस्पताल संचालक डा.महेश शर्मा दोषमुक्त करार दिए गए। 1971 बैच की आईएएस नीरा को भ्रष्टाचार के मामले में सुनाई गई यह पहली सजा है। वह मुलायम सिंह के शासन में मुख्य सचिव थीं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मुख्य सचिव से हटा दिया था। सीबीआई ने 2002 में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के चार मामलों में आरोप पत्र दायर किया था। 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उनके पति और पूर्व पुलिस अधिकारी महेन्द्र सिंह यादव भाजपा सरकार में मंत्री थे। बाद में वह सपा में और फिर नीरा के साथ भाजपा में शामिल हुए। नीरा के अधिवक्ता हाईकोर्ट में जमानत अर्जी देंगे। फ्लैक्स ग्रुप के ज्वाइंट प्रेसीडेंट दिनेश जैन ने कहा कि चतुर्वेदी निर्दोष हैं। उन्होंने जो जमीन ली थी वह कंपनी के कर्मचारियों के आवास बनाने के लिए ली थी।


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